Supreme Court Grants Tahir Hussain Custody Parole for Election Campaigning

सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन को चुनाव प्रचार के लिए हिरासत में पैरोल पर दी राहत!

Supreme Court Grants Tahir Hussain Custody Parole for Election Campaigning

Supreme Court Grants Tahir Hussain Custody Parole for Election Campaigning

नई दिल्ली, 28 जनवरी: Supreme Court Allows Tahir Hussain to Campaign Under Custody Parole: सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को राहत देते हुए उन्हें फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी होने के बावजूद चुनाव प्रचार के लिए हिरासत में पैरोल पर जाने की अनुमति दे दी है। तीन सदस्यीय पीठ, जिसमें जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता शामिल थे, ने मंगलवार को ताहिर हुसैन की याचिका को स्वीकार किया। इस याचिका में हुसैन ने 29 जनवरी से 3 फरवरी तक पुलिस हिरासत में रहकर चुनाव प्रचार करने की अनुमति मांगी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दी पैरोल पर अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने हुसैन को दिन के समय सुरक्षा के साथ जेल से बाहर जाने और रात में वापस लौटने की अनुमति दी है। हालांकि, कोर्ट ने हुसैन को कई शर्तों के साथ राहत दी है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हुसैन को सुरक्षा खर्च के रूप में प्रतिदिन 2.47 लाख रुपये जमा करने होंगे।

ताहिर हुसैन का चुनाव प्रचार पर अनुरोध

हुसैन के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए अब केवल चार-पाँच दिन ही शेष हैं, इसलिए हुसैन को पुलिस हिरासत में रहते हुए मतदाताओं से संपर्क करने की अनुमति दी जाए। अग्रवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि हुसैन मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और चुनाव प्रचार के दौरान वह होटल में रहेंगे, न कि अपने घर पर, जहां दंगे हुए थे।

दिल्ली दंगे से जुड़ा मामला

ताहिर हुसैन दिल्ली के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में 24 फरवरी, 2020 को हुए दंगों से जुड़े एक मामले में आरोपी हैं। इस दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। हुसैन पर खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या में भी आरोप हैं। इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को हुसैन को चुनाव प्रचार के लिए हिरासत में पैरोल दी थी।

अदालत का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने हुसैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया कि वह चुनाव प्रचार के लिए हिरासत में पैरोल पर रह सकते हैं, बशर्ते वह सुरक्षा खर्च के रूप में प्रतिदिन 2.47 लाख रुपये जमा करें। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि हुसैन द्वारा प्रस्तावित शपथपत्र पर भी विचार किया जाए।